Saturday, May 17, 2008

एक परदेसी मेरा दिल ले गया

एक परदेसी मेरा दिल ले गया
जाते जाते मीठा मीठा गम दे गया
कौन परदेसी तेरा दिल ले गया
मोटी मोटी आखियों में आंसू दे गया
मेरे परदेसियाँ की यही हैं निशानी
आखियाँ बिलोर की, शीशे की जवानी
ठण्डी ठण्डी आहों का सलाम दे गया
ढूंढ रहे तुजे लाखों दिलवाले
कर दे ओ गोरी ज़रा आंखों से उजाले
आंखों का उजाला परदेसी ले गया
उस को बुला दूँ, सामने ला दूँ
क्या मुजे दोगी जो तुम से मिला दूँ
जो भी मेरे पास था वो सब ले गया

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