Thursday, May 15, 2008

एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है दोस्तों

एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा हैं दोस्तों

ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा हैं दोस्तों



बनता हैं मेरा काम तुम्हारे ही काम से

होता हैं मेरा नाम तुम्हारे ही नाम से

तुम जैसे मेहरबान का सहारा हैं दोस्तों

ये दिल तुम्हारे प्यार का ...



यारों ने मेरे वास्ते क्या कुछ नहीं किया

सौ बार शुक्रिया अरे, सौ बार शुक्रिया

बचपन तुम्हारे साथ गुजारा हैं दोस्तों

ये दिल तुम्हारे प्यार का ...

No comments: