Monday, May 12, 2008

मदर इम्दिया

दुनिया में हम आए हैं तू जीना ही पडेगा

जीवन हैं अगर जहर तू पीना ही पडेगा



गिर गिर के मुसीबत में संभालते ही रहेंगे

जल जाए मगर आग पे चलते ही रहेंगे

गम जिस ने दिए हैं वही गम दूर करेगा



औरत हैं वो औरत जिसे दुनिया की शरम है

संसार में बस लाज ही नारी का धरम है

जिंदा हैं जो इज्जत से वो, इज्जत से मरेगा



मालिक हैं तेरे साथ ना डर, गम से तू आये दिल

मेहनत करे इंसान तू क्या काम हैं मुश्किल

जैसा जो करेगा, यहाँ वैसा ही भरेगा





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