Wednesday, September 10, 2008

ना मुह छुपाके जियो ..फ़िल्म : हमराज

ना मुंह छुपा के जियो, और ना सर ज़ुका के जियो

ग़मों का दौर भी आए तो मुस्कुरा के जियो

घटा में छुप के सितारें, फना नहीं होते

अंधेरी रात के दिल में, दिए जला के जियो

न जाने कौन सा पल मौत की अमानत हो

हर एक पल की खुशी को गले लगा के जियो

ये जिंदगी किसी मंजिल पे रुक नहीं सकती

हर एक मकाम से आगे कदम बढ़ा के जियो



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