Monday, September 22, 2008

ओ बाबू ओ लाला ...फ़िल्म : दिल्ली का ठग

ओ बाबू ओ लाला,
मौसम देखो चला
सुन ले दिल क्या बोला,
है कोई प्यार करने वाला
ओ बाबू ओ लाला ...

खोयी खोयी रुत है
कुछ बहकी कुछ बहकाई
महफ़िल की महफ़िल है
तन्हायी की तन्हायी
आजा मिटा दें फ़ासला
ओ बाबू ओ लाला ...

सुन जा क्या कहती हैं
ये भीगी भीगी रातें
साथी बन जा मेरा
कर लें दो मीठी बातें
मुझसे निगाहें तो मिला
ओ बाबू ओ लाला ...

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