Sunday, September 14, 2008

नील गगन पर उड़ते बादल ..फ़िल्म : खाम्दान

नील गगन पर उड़ते बादल आ आ आ
धूप में जलता खेत हमारा, कर दे तू छाया
छुपे हुए ओ चंचल पंछी, जा जा जा
देख अभी है कच्चा दाना पक जाए तो खा

बहता-बहता क्यारियों में ठंडा-ठंडा पानी
चूम न ले कहीं पाँव तेरे, ओ खेतों की रानी
चूम के मेरे पाँव मैले वो होगा मैला
मैं हूँ खेतों की दासी तू खेतों का राजा

हरी-भरी इन खेतियों की राम करे रखवाली
वो चाहे तो सौ-सौ दाने देगी एक-एक डाली
मेहनत-वालों की सुनता है वो ऊपर-वाला
खोल के रखियो अपनी झोली भर देगा दाता


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