Friday, October 3, 2008

पल पल दिल के पास ....फ़िल्म : ब्लाक मईल

पल पल दिल के पास तुम रहती हो

जीवन मीठी प्यास ये कहती हो

हर शाम आखों पर, तेरा आँचल लहराए

हर रात यादों की, बरात ले आये

मै सांस लेता हूँ, तेरी खुशबू आती है

इक महका महका सा, पैगाम लाती है

मेरे दिल की धड़कन भी, तेरे गीत गाती है

पल पल दिल के पासा.. .. ..



कल तुज को देखा था, मैंने अपने आँगन में

जैसे कह रही थी तुम मुजे बाँध लो बंधन में

ये कैसा रिश्ता है, ये कैसे सपने है

बेगाने हो कर भी, क्यों लगते अपने है

मै सोच में रहता हूँ, दर दर के कहता हूँ

पल पल दिल के पासा.. .. ..

तुम सोचोगी क्यों इतना, मैं तुम से प्यार करू

तुम समजोगी दीवाना, मैं भी इकरार करू

दीवानों की ये बाते, दीवाने जानते है

जलने में क्या मजा है, परवाने जानते है

तुम यूं ही जलाते रहना, आ आ कर ख़्वाबों में

पल पल दिल के पासा.. .. ..

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