Friday, October 17, 2008

रात का शमा जुमे चन्द्रमा ..फ़िल्म : जिददी

रात का समा, जूमी चंद्रमा


तन मोरा नाचे रे, जैसे बिजुरीयाँ




देखो, देखो, देखो, हूँ नदी प्यार की


सुनो, सुनो, सुनो, बांधे मैं ना बंधी


मई अलबेली, मान लो बड़ी जिद्दी, माने मुज़ को जहाँ




नाचू, नाचू, नाचू, मोरनी बाग़ की


डोलू, डोलू, डोलू, हिरानीया मदभरी


घूँघर बाजे, छमाछम घूँघर बाजे, आरजू हैं जवान




धीरे, धीरे, धीरे, जीत मेरी हुयी


हौले, हौले, हौले, हार तेरी हुयी


तेरी तरह, जा रे जा बहोत देखे, मुज़ सा कोई कहा




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