प्यार में कभी कभी एसा हो जाता हैं
छोटी सी बात का फ़साना बन जाता हैं
आज सजना का सजनी से, हो रहा सामना
खेल ही, खेल में दिल गया, थामना,
ना ना, हां हां, ना ना
कहने की नहीं बात मगर ये फ़िर भी कहती हूँ मैं
रहने की नहीं जगह कोई तेरे दिल में रहती हूँ मैं
जीत कर प्यार में पडेगा हारना
नादाँ समाज कर तुम को देखो माफ़ कर दिया हम ने
प्यार की किताब से जुदाई का नाम ही साफ़ कर दिया हम ने
यार की बात तुम कभी ना टालना
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