ओ सजना, बरखा बहार आयी
रस की पुहार लाई, आखियों में प्यार लाई
तुम को पुकारे मेरे मन का पपीहरा
मीठी मीठी अगनी में, जले मोरा जियरा
एसे रिमाजीम में, ओ सजना
प्यासे प्यासे मेरे नयन तेरे ही ख़्वाबों में खो गए
सावली सलोनी घटा, जब जब छाई
आखियों में रैना गयी, निंदीया ना आयी
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