Saturday, October 4, 2008

ओ सजना बरखा बहार आई ..फ़िल्म : फरक

ओ सजना, बरखा बहार आयी

रस की पुहार लाई, आखियों में प्यार लाई



तुम को पुकारे मेरे मन का पपीहरा

मीठी मीठी अगनी में, जले मोरा जियरा



एसे रिमाजीम में, ओ सजना

प्यासे प्यासे मेरे नयन तेरे ही ख़्वाबों में खो गए

सावली सलोनी घटा, जब जब छाई

आखियों में रैना गयी, निंदीया ना आयी



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