Monday, August 18, 2008

कोई हमदम न रहा फ़िल्म : झुमरू

कोई हमदम ना रहा, कोई सहारा ना रहा

हम किसी के ना रहे, कोई हमारा ना रहा



शाम तनहाई की है, आयेगी मंजिल कैसे

जो मुजे राह दिखाए, वही तारा न रहा



क्या बताऊँ मैं कहा, यूं ही चला जाता हूँ

जो मुजे फ़िर से बुला ले, वो इशारा ना रहा



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