Thursday, August 28, 2008

मै प्यार का राही हूँ फ़िल्म : एक मुसाफिर एक हसीना

मै प्यार का राही हूँ, तेरे जुल्फों के साए में

कुछ देर ठाहर जाऊ

तुम एक मुसाफिर हो, कब छोड़ के चल दोगे

ये सोच के घबराऊ



तेरे बीन जी लगे ना अकेले

हो सके तो मुजे साथ ले ले

नाजनी तू नहीं जा सकेगी

छोड़कर जिंदगी के ज़मेले

जब भी छाये घटा, याद करना ज़रा

सात रंगों की हूँ मैं कहानी



प्यार की बिजलिया मुस्कुराये

देखिये आप पर गिर ना जाए

दिल कहे देखता ही राहू मई

सामने बैठकर ये अदाएं

ना मैं हूँ नाजनी, ना मैं हूँ माजबी

आप ही की नजर हैं दीवानी

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