Tuesday, August 26, 2008

मै शायर बदनाम मै चला ..फ़िल्म : नमक हराम

मै शायर बदनाम मैं चला, मैं चला

महफ़िल से नाकाम मैं चला, मैं चला



मेरे घर से तुम को, कुछ सामान मिलेगा

दीवाने शायर का, एक दीवान मिलेगा

और एक चीज मिलेगी, टूटा खाली जाम



शोलों पे चलना था, कांटो पे सोना था

और अभी जी भर के, किस्मत पे रोना था



जाने एसे कितने, बाकी छोड़ के काम



रास्ता रोक रही है, थोड़ी जान हैं बाकी

जाने टूटे दिल में, क्या अरमां हैं बाकी

जाने भी दे ए दिल सब को मेरा सलाम

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