रूप तेरा मस्ताना, प्यार मेरा दीवाना
भूल कोई हम से ना हो जाए
रात नशीली, मस्त समा है
आज नशे में, सारा जहाँ है
हाय, शराबी मौसम बहकाए
आखों से आँखे, मिलाती हैं एसे
बेचैन हो के, तूफ़ान में जैसे
मौज कोई साहिल से टकराए
रोक रहा है, हम को ज़माना
दूर ही रहना, पास ना आना
कैसे मगर कोई दिल को समजाये
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