कि : सुल्ताना सुल्ताना तू न घबराना
तेरे-मेरे प्यार को क्या रोकेगा ज़माना
तोड़ के सब दीवारें तुझको ले जाएगा दीवाना
ल : सुलेमान सुलेमान तू न घबराना
तेरे-मेरे प्यार को क्या रोकेगा ज़माना
शमा उसी महफ़िल में जलेगी जिसमें होगा परवाना
तेरी हो जाऊँ मैं दौड़ी चली आऊँ
मेरा नाम ले के पुकारो तो ज़रा
कि : मैं तेरा हो जाऊँ जान-ओ-दिल लुटाऊँ
कभी अपनी ज़ुल्फ़ें सँवारो तो ज़रा
ल : जब ये ज़ुल्फ़ें
कि : लहराएँ
ल : काले बादल
कि : छा जाएँ
ल : तौबा बन जाए अफ़साना
कि : सुल्ताना सुल्ताना ...
क्या चुप रहेंगे भला ये कब कहेंगे
के होँठों पे अपने रुकी है कोई बात
ल : दुनिया ने हाय पहरे हैं लगाए
अभी तो है मुश्किल हमारी मुलाकात
कि : दुश्मन मेरे
ल : सो जाएँ
कि : जब अँधेरे
ल : हो जाएँ
कि : मेरे ख़्वाबों में आ जाना
सुल्ताना सुल्ताना ...
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