सुनो जानाँ सुनो जानाँ मेरे पहलू से मत जाना
अगर जाना तो यूँ जाना जुदा सर तन से कर जाना
सुनो जानाँ ...
ये चेहरा क्यूँ छुपाए हो ये दामन क्यों बचाए हो
ज़रा बैठो चले जाना कई दिन में तो आए हो
तुम इक रंगीन धोखा हो नहीं मालूम क्या-क्या हो
तुम्हें तकलीफ़ तो होगी घड़ी भर को ठहर जाना
सुनो जानाँ ...
निगाह-ए-नाज़ की बातें जवाँ-अंदाज़ की बातें
अभी तो तुमसे करनी हैं बहुत सी राज़ की बातें
अभी से बेवफ़ाई है दुहाई है दुहाई है
मेरे पास आओ पहले फिर जिधर चाहो उधर जाना
सुनो जानाँ ...
ये आख़िर कैसा वादा है कहो अब क्या इरादा है
मुझे दिल दे के दिल ले लो सौदा सीधा-सादा है
तुम्हें पहचानने वाले नहीं यूँ मानने वाले
कहीं तुम बातों-बातों में न अपना काम कर जाना
सुनो जानाँ ..
.
No comments:
Post a Comment