सबकुछ सिखा हम ने, ना सीखी होशियारी
सच हैं दुनिया वालों, के हम हैं अनाडी
दुनिया ने कितना समजाया, कौन हैं अपना कौन पराया
फ़िर भी दिल की चोट छुपाकर, हम ने आप का दिल बहलाया
ख़ुद ही मर मिटने की ये जिद हैं हमारी
दिल का चमन उजड़ते देखा, प्यार का रंग उतरते देखा
हम ने हर जीने वाले को, धन दौलत पे मरते देखा
दिल पे मरने वाले मरेंगे भिकारी
असली नकली चहरे देखे, दिल पे सौ सौ पहरे देखे
मेरे दुखते दिल से पूछो, क्या क्या ख्वाब सुनहरे देखे
टूटा जिस तारे पे नजर थी हमारी
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