सैय्या जूठों का बड़ा सरताज निकला
मुजे छोड़ चला, मुख मोड़ चला, दिल तोड़ चला
बड़ा धोखेबाज निकला
चल दिया जुल्मी मुज़ से बहाना बना
मेरे नन्हे से दिल को निशाना बना
बड़ा तीखा वो, दैय्या तीखा वो तीरंदाज निकला
कुछ दिनों से पीया हम से ना बोलता
ना हमारा घोओंघतावा का पट खोलता
इस गुपचुप का भेद देखो आज निकला
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