शोला जो भड़के, दिल मेरा धड़के
दर्द जवानी का सताए, बढ़ बढ़ के
महकी हवाएं, बहके कदम मेरे
एसे में थाम लो, आ के बालम मेरे
पत्ता भी फडके, तो बिजली सी कडाके
देखा जो तुम को, दर्द गया थम
अब तो ना होंगे, तुम सी जुदा हम
जीना सकेंगे, तुम से बिछड़ के
प्यार को मेरे, किस ने पुकारा
दिल में उतर गया, किस का इशारा
याद ये किस की लाई पकड़ के
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