सुन री पवन पवन पूरावैय्या
मई हूँ अकेली, अलबेली तू सहेली मेरी बन जा साथियां
चल तू मेरा आँचल थाम के
अनजाने रस्ते इस गाम के
साथी हैं ये मेरे नाम के
नैन ये निगोड़े किस काम के
डोले मेरा मन एसे जैसे नैय्या
कोई तो हो एसा पूछे बात जो
गिरू तो पकड़ लेवे हाथ जो
हसे रोये सदा मेरे साथ जो
सोये जागे, संग दिनरात जो
एसे हो मिलन जैसे धुप छैय्या
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