सौ बार जनम लेंगे, सौ बार फना होंगे
ए जाना-ये-वफ़ा फ़िर भी, हम तुम ना जुदा होंगे
किस्मत हमे मिलाने से, रोकेगी भला कब तक
इन प्यार की राहों में, भटकेगी वफ़ा कब तक
कदमों के निशाँ ख़ुद ही, मंजिल का पता होंगे
ये कैसी उदासी है, जो हुस्न पे छाई है
हम दूर नहीं तुम से, कहने को जुदाई है
अरमां भरे दो दिल फ़िर एक जगह होंगे
रफी साब का सुंदर गाना .......अगर ना सूना ..तो ...सुनो जरूर ...
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