Tuesday, November 4, 2008

रोते हुए आते है सब हस्ता हवा जो जायेगा :: मुक़द्दर का सिकंदर

रोते हुए आते हैं सब हसता हुआ जो जायेगा
वो मुकद्दर का सिकंदर, जाना-ये-मन कहलायेगा

वो सिकंदर क्या था जिसने जुल्म से जीता जहाँ
प्यार से जीते दिलों को, वो ज़ुका दे आसमान
जो सितारोंपर कहानी प्यार की लिख जायेगा

जिंदगी तो बेवफा हैं एक दिन ठुकराएगी
मौत महबूबा हैं अपने साथ लेकर जायेगी

मर के जीने की अदा जो दुनिया को सिखलाएगा

हमने माना ये ज़माना दर्द की जागीर है
हर कदम पे आसूओंकी एक नयी जंजीर है
साजा-ये-गम पर जो खुशी के गीत गाता जायेगा

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