दिया ना बुझे मेरे घर का
मेरी तक़दीर के मालिक
सुन ले पुकार आई आज तेरे द्वार -२
लेके आँसुओं की धार मेरे साँवरे -२
मैं तो एक भीख माँगूँ तोसे फैला के हाथ रे
सुन ले पुकार ...
बिनती करूँ मैं तोसे जग के खिवैया -२
डूब न जाए मेरी आशा की नैया -२
किसको दिखाऊँ जा के दर्द मैं अपना
कोई नहीं है मेरा ( कृष्ण कन्हैया ) -२
सुन ले पुकार ...
मैने प्रभु आज तक कुछ नहीं माँगा -२
आज तो दान दे-दे अपनी दया के
बदले में चाहे मेरी जान भी ले-ले
बचा ले सहारा दाता ( इस दुखिया का ) -२
सुन ले पुकार ...
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