रुख जा ओ जानेवाली रुख जा
मैं तो राही तेरी मंजिल का
नजरों में तेरी मैं बुरा सही
आदमी बुरा नही मैं दिल का
देखा ही नहीं तुज को, सूरत भी ना पहचानी
तू आके चली छम से, जून धुप के दिन पानी
मुद्दत से मेरे दिल के सपनों की तू रानी हैं
अब तक ना मिले लेकिन पहचान पुरानी हैं
आ प्यार की राहों में बाहों का सहारा ले
दुनिया जिसे गाती हैं, उस गीत को दोहरा ले
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