रुला के गया, सपना मेरा
बैठी हूँ कब हो सवेरा
वही हैं गामा-ये-दिल वही हैं चन्दा तारे
वही हम बेसहारे
आधी रात वही हैं, और हर बात वही हैं
फ़िर भी ना आया लूटेरा
कैसी ये जिंदगी, के साँसों से हम ऊबे
के दिल डूबा, हम डूबे
एक दुखिया बेचारी, इस जीवन से हारी
उस पर ये गम का अँधेरा
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