सुहाना सफर और ये मौसम हसीं
हमे डर हैं हम खो ना जाए कही
ये कौन हसता है, फूलों में छुपाकर
बहार बेचैन है, किस की ढूनापर
कही गुनगुन कही रुनाजून के जैसे नाचे जमीन
ये गोरी नदियों का चलना उछलकर
के जैसे अल्हड चले पी से मिलकर
प्यारे प्यारे ये नजारे, निखार हैं हर कही
वो आसमान जुक रहा हैं जमींपर
ये मिलन हम ने देखा यहीं पर
मेरी दुनिया, मेरे सपने मिलेंगे शायद यहीं
2 comments:
मित्र, आपका हिन्दी गीत संग्रह लाजवाब है. कहीं कहीं स्पेलिंग की गलतियाँ हैं और कहीं शब्द गलत लिखे गए हैं. कोशिश करें कि ये न हों तो आपका संग्रह परिपूर्ण होगा.
Bahut shukriyaa saab. Basically I am a telugu speaking man ,So I am very poor in recognising the mistakes and I will do my best sir..
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