Thursday, December 4, 2008

बचपन के दिन बुला न देना ..फ़िल्म :दीदार (1951)

ल:ओ ओ ओ
बचपन के दिन भुला न देना -२
श: आज हँसे कल रुला न देना -२
दो: ओऽ बचपन के दिन भुला न देना
श: ( लम्बे हैं जीवन के रस्ते
आवो चलें हम गाते-हँसते ) -२
गाते-हँसते
आ........
ल: ( दूर देश एक महल बनायें
प्यार का जिसमें दीप जलायेँ ) -२
दीप जलायें
श: दीप जलाकर बुझा न देना
दो: आज हँसे कल रुला न देना
ओऽ बचपन के दिन भुला न देना
ल: ( रुत बदले या जीवन बीते
दिल के तराने हों न पुराने ) -२
श: हा......................
नैनों में बन कर सपन सुहाने
आयेंगे एक दिन यही ज़माने
ल: हा........................
श: नैनों में बन कर सपन सुहाने
आयेंगे एक दिन यही ज़माने
यही ज़माने
ल: याद हमारी मिटा न देना
दो: आज हँसे कल रुला न देना
ओऽ बचपन के दिन भुला न देना

2nd version




श: ओऽ बचपन के दिन भुला न देना
आज हँसे कल रुला न देना -२
ओऽ बचपन के दिन भुला न देना


3rd version


र: ओऽ बचपन के दिन भुला न देना
आज हँसे कल रुला न देना -२
ओऽ बचपन के दिन भुला न देना

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