जादूगर सैंया, छोड़ो मेरी बैंया
हो गई आधी रात, अब घर जाने दो
झुकी-झुकी अँखियाँ देखेंगी सारी सखियाँ
देंगी ताना तेरे नाम का
(ऐसे में मत रोक बेदर्दी
ले ले वचन कल शाम का) -२
कल होंगे फिर हम साथ
अब घर जाने दो
जादूगर सैंया ...
जाने दे ओ रसिया, मेरे मन बसिया
गाँव मेरा बड़ी दूर है
(तेरी नगरिया रुक न सकूँ मैं
प्यार मेरा मजबूर है) -२
ज़ंजीर पड़ी मेरे हाथ
अब घर जाने दो
जादूगर सैंया ...
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