तेरा मेरा प्यार अमर, फिर क्यों मुझको लगता है डर
मेरे जीवन साथी बता, दिल क्यों धड़के रह-रह कर
क्या कहा है चाँद ने, जिसको सुनके चाँदनी
हर लहर पे झूमके, क्यों ये नाचने लगी
चाहत का है हरसू असर, फिर क्यों मुझको लगता है डर
कह रहा है मेरा दिल, अब ये रात न ढले
खुशियों का ये सिलसिला, ऐसे ही चला रहे
तुझको देखूँ देखूँ जिधर, फिर क्यों मुझको लगता है डर
है शबाब पर उमंग, हर खुशी जवान है
मेरी दोनों बाहों में, जैसे आस्मान है
चलती हूँ मैं तारों पर, फिर क्यों मुझको लगता है डर
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