बम बबम बबम बम बम लहरी ) -२
लहर लहर नदिया गहरी
जीवन नदिया बहती जाए शाम सवेरे दोपहरी
बबम बबम बम ...
नाव चला मत मस्ती में तूफ़ानों की बस्ती में
लोभ की मारी दुनिया वाले नाग हैं तेरी कश्ती में
इसका काटा पानी न माँगे दुनिया है इतनी ज़हरी
बबम बबम बम ...
नफ़रत से मन क्यूँ है भरा प्रेम से मिल इन्सान ज़रा
प्रेम ने तुझको जन्म दिया है प्रेम तो है भगवान तेरा
प्रेम की भक्ति कर ले फिर तू बन देहाती या शहरी
बबम बबम बम ...
जग की बातें दूर के ढोल कान तेरे कच्चे मत खोल
बस में तेरे कोई बात नहीं है तू क्या बोलेगा मत बोल
हो तेरा कल्याण बना ले आत्मा गूंगी बहरी
बबम बबम बम ...
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