Thursday, December 4, 2008

बचपन की मोहब्बत को ...फ़िल्म : बैजू बावरा

बचपन की मोहब्बत को दिल से न जुदा करना
घर मेरी उम्मीदों का सूना किए जाते हो
दुनिया ऐ मुहब्बत की लूटे लिए जाते हो
जो ग़म दिए जाते हो उस ग़म की दुआ करना
जब याद मेरी आए ...

सावन में पपीहा का सँगीत सुनाऊँगी
फ़रियाद तुझे अपनी गा-गा कर सुनाऊँगी
आवाज़ मेरी सुन के दिल थाम लिया करना
जब याद मेरी आए ...

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