उठे सबके कदम, तरा रम-पम-पम
अजी ऐसे गीत गाया करो
कभी खुशी कभी ग़म, तरा रम-पम-पम
हंसों और हंसाया करो
वो प्यारे दिन और वो प्यारी रातें
याद हमे हैं वो मुलाकातें
नहीं कोई ग़म मुझे नहीं है गिला
ज़िंदगी की राह में मिला है जबसे तू मेरे हमदम
शबनम हम हैं और तुम शोला बन जाया करो
कभी खुशी ...
रँग नया है रूप नया है
जीने का तो जाने कहाँ ढंग गया है
किसे है फ़िकर इन्हें क्या पसंद
प्यार के जहाँ में रज़ामंद जब हम तुम तुम हम
बन गए हैं सनम बेधड़क मेरे घर आया करो
कभी खुशी ...
ला ला ...
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