लता: तसवीर तेरी दिल में, जिस दिन से उतारी है
फिरूँ तुझे संग लेके, नये नये रंग लेके
सपनों की महफ़िल में ...
रफ़ी: तसवीर तेरी दिल में, जिस दिन से उतारी है
फिरूँ तुझे संग लेके, नये नये रंग लेके
सपनों की महफ़िल में ...
लता: (माथे की बिंदिया तू है सनम
नैनों का कजरा पिया तेरा ग़म ) - २
नैन के नीचे नीचे, रहूँ तेरे पीछे पीछे
चलूं किसी मंज़िल में ...
तसवीर तेरी दिल में ...
रफ़ी: (तुमसे नज़र जब गयी है मिल
जहाँ है कदम तेरे वहीं मेरा दिल ) - २
झुके जहाँ पलकें तेरी, खुले जहाँ ज़ुल्फ़ें तेरी
रहूँ उसी मंज़िल में ...
रफ़ी & लता: तसवीर तेरी दिल में, जिस दिन से उतारी है ...
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