Tuesday, December 16, 2008

तू जो मेरे सुर में सुर मिला ले...फ़िल्म : चित चोर

ये: तू जो मेरे सुर में -२
सुर मिला ले, संग गा ले
तो ज़िंदगी हो जाए सफ़ल
हे: तू जो मेरे मन का -२
घर बना ले, मन लगा ले
तो बंदगी हो जाए सफ़ल
दोनों: तू जो मेरे सुर में

ये: चाँदनी रातों में, हाथ लिए हाथों में
हे: चाँदनी रातों में, हाथ लिए हाथों में
दोनों: डूबे रहें एक दूसरे की, रस भरी बातों में
ये: तू जो मेरे संग में -२
मुस्कुरा ले, गुनगुना ले
तो ज़िंदगी हो जाए सफ़ल

हे: तू जो मेरे मन का...
दोनों: तू जो मेरे सुर में...

हे: क्यों हम बहारों से, खुशियाँ उधार लें
ये: क्यों हम बहारों से, खुशियाँ उधार लें
दोनों: क्यों न मिलके हम खुद ही अपना जीवन सुधार लें
हे: तू जो मेरे पथ में -२
दीप गा ले ओ उजाले
तो बंदगी हो जाए सफ़ल

ये: तू जो मेरे सुर में -२
सुर मिला ले, संग गा ले
तो ज़िंदगी हो जाए सफ़ल

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