Thursday, December 18, 2008

उदास उदास फिजाओं में ( आनाही पडेगा ) फ़िल्म : लाल रुख

उदास उदास फ़िज़ाओं में नूर छलकाओ
बुझे बुझे हुए तारों को हँस के चमकाओ
ग़ुरुर-ए-हुस्न सलामत न राह दिखलाओ
रबग डूब गया, खूने अब तो आ जाओ (?)

आना ही पड़ेगा, आना ही पड़ेगा
सर इश्क़ के कदमों पे झुकाना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा

( नगमा मेरा हर साँस में रस घोल रहा है
इस साँस के परदे में खुदा बोल रहा है ) - २
छेड़ा है अगर साज़ तो गाना ही पड़ेगा - २
सर इश्क़ के कदमों पे झुकाना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा आ आ

( टपकेगा लहू दर्द भरे राग से कब तक
खेलेगी तेरी मस्त अदा आग से कब तक ) - २
इस खेल में अब हाथ जलाना ही पड़ेगा - २
सर इश्क़ के कदमों पे झुकाना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा आ आ

( उल्फ़त कभी दुनिया से डरेगी ना डरी है
फूलों से जवानी ने सदा माँग भरी है ) - २
हँसने के लिये ज़ख्म तो खाना ही पड़ेगा - २
आना ही पड़ेगा - ४

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