Thursday, December 11, 2008

तुम गगन की चंद्रमा हो ...फ़िल्म : सती सावित्री

तुम गगन के चंद्रमा हो, मैं धरा की धूल हूँ
तुम प्राणों के देवता हो, मैं समर्पित फूल हूँ
तुम हो पूजा मैं पुजारी, तुम सुधा मैं प्यास हूँ

तुम महासागर की सीमा, मैं किनारे की लहर
तुम महासंगीत के स्वर, मैं अधूरी साँस हूँ
तुम हो काया मैं हूँ छाया, तुम कसम मैं भूल हूँ

तुम उषा की लालिमा हो, भोर का सिंदूर हो
मेरे प्राणों का हो गुँजन, मेरे मन का मयूर हो
तुम हो पूजा मैं पुजारी, तुम सुधा मैं प्यास हूँ

1 comment:

Unknown said...

Thanks for the lyrics of "Tum gagan ke chandrama ho". It's my favorite song and I cannot hear it enough. Can you please correct a word in the second verse, fourth line. It should read "tum kshama mein bhool hoon"; NOT "tum kasam..."

Thank you.

romy