तुम जैसे बिगड़े बाबू से मैं अँखियाँ बचाऊँ
थिन-गिन थिन-गिन नाचूँ और दुनिया को नचाऊँ
तुम जैसे बिगड़े ...
आँखों में मधुशाले रंग भरे ये प्याले
चंदा-सूरज दोनों मेरे कानों के हैं बाले -२
अपने आप को क्या समझो हो बाबू ओ बाबू
तुम जैसे बिगड़े ...
मुख पे लट लहराए घन बदरा शरमाए
नील गगन का बाँका राही पायल बाँधने आए -२
अपने आप को क्या समझो हो बाबू ओ बाबू
तुम जैसे बिगड़े ...
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