वो चाँद खिला, वो तारे हँसे
ये रात अजब मतवाली है
समझने वाले समझ गये हैं
न समझे, न समझे वो अनाड़ी हैं
वो चाँद खिला ...
चाँदी सी चमकती राहें
वो देखो झूम झूम के बुलायें
किरणों ने पसारी बाहें
कि अरमाँ नाच नाच लहराये
बाजे दिल के तार, गाये ये बहार
उभरे है प्यार जीवन में
वो चाँद खिला ...
किरणो.द ने चुनरिया तानी
बहारें किस पे आज हैं दीवानी
चन्दा की चाल मसतानी
है पागल जिसपे रात की रानी
तारों का जाल, ले ले दिल निकाल
पूचो न हाल मेरे दिल का
वो चाँद खिला ...
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