Wednesday, December 17, 2008

तेरे चेहरे में ओ जादू है ...फ़िल्म : धर्मात्मा

तेरे चेहरे में वो जादू है, बिन डोर खिंचा जाता हूँ
जाना होता है और मगर, तेरी और चला आता हूँ

जब से तुझको देखा है, देख के खुद को माना है
मानके दिल ये कहता है, मेरी खुशियों का तू है खजाना
पाना तुझको मुश्किल ही सही, पाने को मचल जाता हूँ
तेरे चेहरे में ...

तेरी हीरे जैसे आँखें, आँखों में है लाखों बातें
बातों में रस की बरसातें, मुझमें प्यार की प्यास जगाये
चल पड़ते हैं तेरे साथ कदम, मैं रोक नहीं पाता हूँ
तेरे चेहरे में ...

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