Monday, December 8, 2008

इक चीज मांगते है हम तुम से पहली बार : फ़िल्म : बाबुल की गलियाँ

किशोर : इक चीज़ माँगते हैं हम तुमसे पहली बार
आशा : पहले चीज़ का नाम बताओ
कि : देखो हम पर शक़ न लाओ
उल्टी-सीधी चीज़ कभी न माँगे सच्चा प्यार
कि : इक चीज़ माँगते ...

आ : अच्छी सी फ़रमाइश करना
कि : सुनने से पहले क्या डरना
आ : माँगो बाबा कुछ भी माँगो
कि : माँगूँ
आ : हाँ हाँ
कि : दिल पर रख कर हाथ करो हमसे पहले इकरार
इक चीज़ माँगते ...

आ : बोलो
कि : माँगूँ छोटा सा नज़राना
आ : हाय इतना लम्बा अफ़साना
जळी से कह दो
कि : कह तो रहा हूँ
आ : अरे जळी से कह दो
कि : अरे कह तो रहा हूँ
रात को खिड़की खोल के रखना
आ : हाय राम तुम आओगे
कि : हाँ हाँ रात को खिड़की खोल के रखना
दो नयनों को बोल कर रखनाअ
आ : आगे बोलो
कि : यही
आएँ मेरे सपने तो ये कर ना दें इन्कार
इक चीज़ माँगते ...

हाँ हाँ खुली-खुली इस ज़ुल्फ़ का साया माँगूँ तो क्या दोगी
आ : बस
कि : रंग-रूप का ये सरमाया माँगूँ तो क्या दोगी
आ : ना ना
कि : कहो तुम्हारी बाँहों में रह सकता हूँ
आ : अभी नहीं
कि : क्या इन होंठों को मैं अपना कह सकता हूँ
आ : ऊँ हूँ अभी नहीं
कि : ( अभी नहीं ) -३
अभी नहीं की जाने किस दिन टूटेगी दीवार
इक चीज़ माँगते ...

आ : इक चीज़ माँगते हैं हम तुमसे पहली बार
कि : पहले चीज़ का नाम बताओ
आ : देखो हम पर शक़ न लाओ
अब जो मिलना
कि : अच्छा जी
आ : ( अब जो मिलना ) -२ बाँध के सेहरा ही मिलना सरकार
कि : तो अगले इतवार
आ : जी सरकार
कि : अच्छा है त्यौहार


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