Wednesday, December 3, 2008

आ अब लौट चले ...फ़िल्म : जिस देश में गंगा बहती है

मु : आ अब लौट चलें -२
नैन बिछाए बाँहें पसारे तुझको पुकारे देश तेरा
ल : आ जा रे -२
को : आ आ आ

मु : सहज है सीधी राह पे चलना
देख के उलझन बच के निकलना
कोई ये चाहे माने न माने
बहुत है मुश्किल गिर के स.म्भलना
आ अब लौट चलें ...

आँख हमारी मंज़िल पर है
दिल में ख़ुशी की मस्त लहर है
लाख लुभाएँ महल पराए
अपना घर फिर अपना घर है
आ अब लौट चलें ...

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