Tuesday, December 2, 2008

तेरा तीर ओ बेफिर दिल के अराम्पार है ..फ़िल्म :शरारत

तेरा तीर ओ बेपीर दिल के आरम्पार है
जाने किसकी जीत है ये जाने किसकी हार है
तेरा तीर ओ बेपीर ...

रातों को निंदिया न दिन को क़रार है
कोई कहे प्रीत है कोई कहे प्यार है

भूल से मैं एक बार तेरी गली आ गई
लड़ गए नैना नज़र टकरा गई
रसिया की रस भरी बातों में आ गई
दिल दे बैठी मैं हाय धोखा खा बैठी
उलझे नैन में न चैन दिल भी बेक़रार है
जाने किसकी जीत ...

लाख मैने चाहा मैं प्यार छुपाऊँगी
तूने मुझे छेड़ा मैं तुझको सताऊँगी
नैन डोर बाँध इशारों पे नचाऊँगी
मुझे क्या ख़बर थी मैं ख़ुद ही बँध जाऊँगी
तेरी प्रीत तेरे गीत तू ही तो बहार है
रातों को निंइद्या ...

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