खोया खोया चाँद, खुला आसमान
आखों में सारी रात जायेगी
तुम को भी कैसे नींद आयेगी?
मस्ती भरी हवा जो चली
खिल खिल गयी ये दिल की कली
दिल की गली में हैं खलबली
की उनको तो बुलाओ
तारे चले, नजारे चले, संग संग मेरे वो सारे चले
चारो तरह इशारे चले, किसी की तो हो जाओ
एसी ही रात भीगी सी रात हाथो में हाथ होते वो साथ
कह लेते उनसे दिल की ये बात अब तो ना सताओ
हम मिट चले हैं जिनके लिए,
बिन कुछ कहे वो चुप चुप रहे
कोई ज़रा ये उनसे कहे, ना एसे आजमाओं
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