Monday, August 18, 2008

कोई जब तुम्हारा ह्रदय तोड़ दे --फ़िल्म: पूरब और पश्चिम

कोई जब तुम्हारा ह्रदय तोड़ दे

तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे

तब तुम मेरे पास आना पिर्ये

मेरा डर खुला है, खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिए

अभी तुम को मेरी जरुरत नही, बहोत चाहनेवाले मिल जायेंगे

अभी रूप का एक सागर हो तुम कँवल जितने चाहोगी खिल जायेंगे

दर्पण तुम्हे जब डराने लगे, जवानी भी दामन छुडाने लगे

तब तुम मेरे पास आना पिर्ये

मेरा सर ज़ुका है, ज़ुका हैं रहेगा, तुम्हारे लिए

कोई शर्त होती नहीं प्यार में, मगर प्यार शर्तों पे तुम ने किया

नजर में सितारे जो चमके ज़रा, बजाने लगी आरती का दिया

जब अपनी नजर में ही गिराने लगो,

अंधेरो में अपने ही घिरने लगो

तब तुम मेरे पास आना पिर्ये

ये दीपक जला है, जला ही रहेगा तुम्हारे लिए

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