मै ना भूलूंगा, मैं ना भूलूंगी
इन रस्मों को, इन कसमों को, इन रिश्ते नातों को
मै ना भूलूंगा, मैं ना भूलूंगी
चलो जग को भूले, ख्यालों में जूले
बहारों में डोले, सितारों को छू ले
आ तेरी मैं मांग सवारू, तू दुल्हन बन जा
मांग से जो दुल्हन का रिश्ता, मैं ना भूलूंगी
समय की धारा में, उमर बह जानी है
जो घड़ी जी लेंगे, वही रह जानी है
मई बन जाऊ साँस आखरी, तू जीवन बन जा
जीवन से साँसों का रिश्ता, मैं ना भूलूंगी
बरसता सावन हो, महकता आँगन हो
कभी दिल दूल्हा हो, कभी दिल दुल्हन हो
गगन बन कर जूम, पवन बन कर घूमे
चलो राहे मोडे, कभी ना संग छोड
कही पे छुप जाना है, नजर नहीं आना है
कही पे बस जायेंगे, ये दिन कट जायेंगे
अरे क्या बात चली, वो देखो रात ढली
ये बातें चलती रहे, ये राते ढलती रहे
मई मन को मन्दिर कर डालू, तू पूजन बन जा
मन्दिर से पूजा का रिश्ता मैं ना भूलूंगी
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