कौन आया के निगाहों में चमक जाग उठी
दिल के सोये हुए तारों में खनक जाग उठी
किसके आने की ख़बर ले के हवाएं आयी
जिस्म से फूल चटकाने की सदायें आयी
रूह खिलने लगी, साँसों में महक जाग उठी
किसने ये मेरी तरफ़ देख के बाहें खोली
शौख जजबात ने सीने में निगाहें खोली
होठ तपने लगे, जुल्फों में लचक जाग उठी
किस के हाथों ने मेरे हाथों से कुछ माँगा हैं
किस के ख़्वाबों ने मेरी रातों से कुछ माँगा हैं
साज बजाने लगे, आँचल में धनक जाग उठी
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