मै शायद तुम्हारे लिए अजनबी हूँ
मगर चाँद तारें मुजे जानते है
ये सारे नजारे मुजे जानते है
पत्ता पत्ता यहाँ राजदान हैं मेरा
जर्रे जर्रे में रख दी हैं मैंने जबान
पूछते हैं सभी, आज मुज़ से यही
भूल बैठे हैं क्यो, प्यार को मेहरबान
भूल जाओ भी तुम तो, मुजे गम ना होगा
के सब गम के मारे मुजे जानते है
बेवफाई की राहों में तुम खो गए
हर कदम पर हैं मेरी वफ़ा के निशाँ
तुम गए छोड़कर, हर कसम तोड़कर
रह गयी बन के चाहत मेरी दास्ताँ
अपन वादे के जिन को निभा ना सके तुम
वो वादे तुम्हारे, मुजे जानते है
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