Thursday, August 28, 2008

मुज को यारो माफ़ करना मै नशे में हूँ

मुज़ को यारों मांफ करना, मैं नशे में हूँ

अब तो मुमकिन हैं बहकाना, मैं नशे में हूँ

कल की यादें मिट रही हैं, दर्द भी हैं कम

अब ज़रा आराम से आ जा रहा हैं दम

कम हैं अब दिल का तड़पना, मैं नशे में हूँ



ढल चुकी हैं रात कब की, उठ गयी महफ़िल

मैं कहा जाऊं नही कोई मेरी मंजिल

दो कदम मुश्किल हैं चलना, मैं नशे में हूँ

हैं ज़रा सी बात और छलके हैं कुछ प्याले

वानरा जाने क्या कहेंगे ये जहान्वाले

तुम बस इतना याद रखना, मैं नशे में हूँ



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