Friday, August 22, 2008

लाखो है निगाहों में जिंदगी के राहामे ..फ़िल्म : फिर वाही दिल लाया हूँ

लाखों हैं निगाह में, जिंदगी की राह में, सनम हसीं जवान

होंठों में गुलाब है, आंखों में शराब है, लेकिन वो बात कहा?



लत हैं किसी की जादू का जाल रंग डाले दिल पे किसी का जमाल

तोबा ये निगाहें, के रोकती हैं राहे, देखो ले लेके तीर कमान



जानू ना दीवाना मैं दिल का, कौन हैं ख्यालों की मलिका

भीगी भीगी रुत की छाँव टेल, मान लो कही वो आन मिले

कैसे पहचानू, के नाम नहीं जानू, जिसे ढूंढें मेरे अरमां



कभी कभी वो एक माहजबीं, डोलती हैं दिल के पास कही

है जो यही बातें, तो होंगी मुलाकातें, कभी यहाँ नहीं तो वहा

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