तक़दीर का फ़साना जाकर किसे सुनाएं
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं
साँसों में आज मेरे तूफ़ान उठ रहे हैं
शहनाईओं से कह दो कहीं और जा के गाएं
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं
मतवाले चाँद सूरज तेरा उठाये डोला
तुझको खुशी की परियाँ घर तेरे ले के जाएं
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं
तुम तो रहो सलामत सेहरा तुम्हे मुबारक
मेरा हर एक आँसू देने लगा दुआएं
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं
2 comments:
इतनी अच्छी रचना से परिचय करवाने के लिए आभार... वाह ! सभी भाषाएँ ऐसी ही सुन्दर रचनाओं से भरपूर हैं.... प्यार और किताबें दोनों ही बहुत खूबसूरत अनुभूतियाँ हैं.
Thanks ...
please do visit.. again and again
Post a Comment